Interesting facts about Facebook (in Hindi)
(फेसबुक के बारे में रोचक तथ्य)
फेसबुक सोशल नेटवर्किंग साइट्स हैं। इसके यूजर्स की संख्या काफी ज्यादा है, पर कम ही लोगों को इस वेबसाइट्स से जुड़े रोचक फैक्ट पता होगे। आइए जानते है फेसबुक से जुड़े रोचक तथ्य :
1. फेसबुक का लाइक बटन :
फेसबुक के 'लाइक' बटन का नाम पहले 'ऑसम' (Awesome) रखने का डिसीजन लिया गया था
2. मार्क की सैलरी :
वैसे तो मार्क जुकरबर्ग फेसबुक के फाउंडर है पर सैलरी के तौर हर साल एक डॉलर ही मिलता है।
3. फेसबुक केवल 70 भाषाओं में उपलब्ध है :
फेसबुक सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है। लेकिन यह अब तक केवल 70 भाषाओं में उपलब्ध है।
4. फेसबुक पर मार्क का शॉर्टकट-
फेसबुक प्रोफाइल पर मार्क जुकरबर्ग के पेज तक पहुंचने का एक खास शॉर्टकट भी है। अगर आप फेसबुक के URL के आगे नंबर 4 लिख देंगे तो आपका ब्राउजर सीधे मार्क जुकरबर्ग के पेज तक ले जाएगा। मार्क ने 1 नंबर आईडी की जगह 4 नंबर आईडी चुनी है। मार्क के पेज के लिए "www.facebook.com/4" URL लिखना होगा। ऐसे ही 5 और 6 नंबर URL के पीछे लगाने से आप क्रिस हग्स और डस्टिन मोस्कोविट्ज के पेज तक पहुंच जाएंगे। ये दोनों फेसबुक के सह-संस्थापक और मार्क के रूममेट्स हैं।
फेसबुक सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है। लेकिन यह अब तक केवल 70 भाषाओं में उपलब्ध है।
4. फेसबुक पर मार्क का शॉर्टकट-
फेसबुक प्रोफाइल पर मार्क जुकरबर्ग के पेज तक पहुंचने का एक खास शॉर्टकट भी है। अगर आप फेसबुक के URL के आगे नंबर 4 लिख देंगे तो आपका ब्राउजर सीधे मार्क जुकरबर्ग के पेज तक ले जाएगा। मार्क ने 1 नंबर आईडी की जगह 4 नंबर आईडी चुनी है। मार्क के पेज के लिए "www.facebook.com/4" URL लिखना होगा। ऐसे ही 5 और 6 नंबर URL के पीछे लगाने से आप क्रिस हग्स और डस्टिन मोस्कोविट्ज के पेज तक पहुंच जाएंगे। ये दोनों फेसबुक के सह-संस्थापक और मार्क के रूममेट्स हैं।
5. क्यों है फेसबुक का रंग नीला :
फेसबुक के नीले रंग में रंगे होने के पीछे सीधा सा कारण है। इसके फाउंडर मार्क जुकरबर्ग का कलर ब्लाइंड होना। न्यूयॉर्कर को दिए अपने एक इंटरव्यू में मार्क ने कहा की उन्हें लाल और हरा रंग दिखाई नहीं देता है। इसलिए नीला रंग उनके लिए सबसे आसान रंग है। फेसबुक शुरू से ही एक ही रंग में रंगा हुआ है। मार्के इसे हमेशा से जितना हो सके उतना सादा बनाना चाहते थे। यही वजह है कि उन्होंने फेसबुक को नीले रंग में रंग दिया।
6. फेसबुक पर ब्लॉक नहीं हो सकते जुकरबर्ग-
फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग्स के कारण हर यूजर को ब्लॉक करने की सुविधा दी गई है, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि आप चाहें तो भी फेसबुक से मार्क जुकरबर्ग को ब्लॉक नहीं कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करने की कोशिश करेंगे तो फेसबुक की तरफ से ऐसा एरर मैसेज दिखेगा।
7. 2011 में तलाक का सबसे बड़ा कारण बनी थी फेसबुक-
2011 में डायवोर्स ऑनलाइन के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में फाइल किए गए सभी डायवोर्स में से एक तिहाई में तलाक लेने का कारण किसी ना किसी वजह से फेसबुक था। डायवोर्स ऑनलाइन के मुताबिक इस बात का दावा करने के लिए लोगों द्वारा अपने पार्टनर के चैट मैसेज, भद्दे कमेंट्स और फेसबुक फ्रेंड्स लिस्ट सबूत के तौर पर पेश किए गए। सोशल मीडिया के आने से रिश्तों में बदलाव देखने को मिला है।
8. आइसलैंड का संविधान लिखा गया था फेसबुक की मदद से-
1944 में डेनमार्क से अलग होने के बाद आइसलैंड ने अपना संविधान कभी नहीं बनाया। यहां हमेशा से डेनमार्क के संविधान को ही माना जाता था। आइसलैंड ने 2011 में अपना संविधान दोबारा लिखने का फैसला लिया। इसके बाद 25 लोगों की एक काउंसिल बनाई गई जिसने फेसबुक का सहारा लेकर लोगों से सुझाव मांगे। इस काउंसिल ने अपना ड्राफ्ट जिसमें नियमों को लिखा गया था उसे फेसबुक पर पोस्ट किया। इस ड्राफ्ट पर लोगों ने अपने कमेंट्स किए लोगों के कमेंट्स और सुझावों के आधार पर ही आइसलैंड का संविधान बना जिसे बाद में फेसबुक पर पोस्ट भी किया गया।
2011 में डायवोर्स ऑनलाइन के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में फाइल किए गए सभी डायवोर्स में से एक तिहाई में तलाक लेने का कारण किसी ना किसी वजह से फेसबुक था। डायवोर्स ऑनलाइन के मुताबिक इस बात का दावा करने के लिए लोगों द्वारा अपने पार्टनर के चैट मैसेज, भद्दे कमेंट्स और फेसबुक फ्रेंड्स लिस्ट सबूत के तौर पर पेश किए गए। सोशल मीडिया के आने से रिश्तों में बदलाव देखने को मिला है।
8. आइसलैंड का संविधान लिखा गया था फेसबुक की मदद से-
1944 में डेनमार्क से अलग होने के बाद आइसलैंड ने अपना संविधान कभी नहीं बनाया। यहां हमेशा से डेनमार्क के संविधान को ही माना जाता था। आइसलैंड ने 2011 में अपना संविधान दोबारा लिखने का फैसला लिया। इसके बाद 25 लोगों की एक काउंसिल बनाई गई जिसने फेसबुक का सहारा लेकर लोगों से सुझाव मांगे। इस काउंसिल ने अपना ड्राफ्ट जिसमें नियमों को लिखा गया था उसे फेसबुक पर पोस्ट किया। इस ड्राफ्ट पर लोगों ने अपने कमेंट्स किए लोगों के कमेंट्स और सुझावों के आधार पर ही आइसलैंड का संविधान बना जिसे बाद में फेसबुक पर पोस्ट भी किया गया।
9. फेसबुक द्वारा हैकर्स को इनाम-
फेसबुक द्वारा हैकर्स को इनाम दिया जाता है। 500 डॉलर्स की राशि हर उस इंसान को दी जाती है जो फेसबुक को हैक कर सके। अगर आप फेसबुक की किसी गलती को भी पकड़ लेते हैं तो भी आप इनाम के हकदार होंगे। हालांकि, इस नियम के साथ फेसबुक की कुछ शर्तें भी हैं। बिना अपनी पहचान बताए हैकर को फेसबुक को 24 घंटों का समय देना होगा जिसमें फेसबुक अपनी गलती को सुधार ले।
10. लोकेशन के हिसाब से बदल जाता है फेसबुक का ग्लोब-
शायद आपको ना पता हो, लेकिन फेसबुक ग्लोब (नोटिफिकेशन टैब) यूजर्स की लोकेशन के हिसाब से बदल जाती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी यूजर ने भारत से लॉगइन किया है तो फेसबुक नोटिफिकेशन ग्लोब एशिया का नक्शा दिखाएगा और उसी यूजर ने अगर अमेरिका में जाकर अपना अकाउंट खोला तो ग्लोब नॉर्थ अमेरिका और साउथ अमेरिका का नक्शा दिखाएगा।
10. फेसबुक की स्पेशल टीम :
फेसबुक के पास एक स्पेशल टीम है जो उस डेटा का ऐनालिसिस करती है जो आपने टाइप तो किया पर पोस्ट नहीं किया। यह टीम फेसबुक का 'सोशल एक्सपेरिमेंट' कंडक्ट करती है जिसके तहत उन्हें वे कारण ढूंढने होते हैं जिनके चलते यूजर ने अपना मेसेज या स्टेटस टाइप कर के छोड़ दिया। आगे नहीं भेजा। इससे उन्हें ह्यूमन सायकॉलजी की समझ मिलती है।
11. फेसबुक यूजर कि मृत्यु के बाद क्या होता है उसके अकाउंट का ?
इस वक़्त फेसबुक पर 30 मिलियन मरे हुए लोग है ! यदि किसी फेसबुक यूजर कि मृत्यु हो जाति है तो क्या उसकी फेसबुक प्रोफाइल ऐसे ही चलती रहती है ? जी नहीं ! यदि हमारी जान पहचान में किसी कि मृत्यु हो जाति है तो हम फेसबुक को रिपोर्ट कर उस प्रोफाइल को फेसबुक पर एक स्मारक का रूप दिलवा सकते है !
फेसबुक के इंडियन FACTS -
* सबसे ज्यादा फेक अकाउंट्स बनाते हैं भारतीय-
फेसबुक की तरफ से नवंबर में एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में कंपनी का कहना था कि 14.3 करोड़ अकाउंट्स फेक होते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा फेक अकाउंट भारत से बनाए जाते हैं।
* फेसबुक पर पहली भारतीय-
फेसबुक से जुड़ने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थी शीला तंद्राशेखरा क्रिश्नन। इनका यूजर नंबर फेसबुक पर 37 है।
* फेसबुक की पहली महिला इंजीनियर-
फेसबुक पर काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर है रुचि सांघवी (RUCHI SANGHVI) रुचि ने ही फेसबुक पर न्यूज फीड का आइडिया दिया था। फेसबुक का न्यूज फीड सबसे विवादास्पद होने के साथ साथ फेसबुक का सबसे लोकप्रिय फीचर भी रहा।
दोस्तो कैसी लगी हमारी पोस्ट कमेंट करके जरुर बताइए। धन्यवाद।
फेसबुक के पास एक स्पेशल टीम है जो उस डेटा का ऐनालिसिस करती है जो आपने टाइप तो किया पर पोस्ट नहीं किया। यह टीम फेसबुक का 'सोशल एक्सपेरिमेंट' कंडक्ट करती है जिसके तहत उन्हें वे कारण ढूंढने होते हैं जिनके चलते यूजर ने अपना मेसेज या स्टेटस टाइप कर के छोड़ दिया। आगे नहीं भेजा। इससे उन्हें ह्यूमन सायकॉलजी की समझ मिलती है।
11. फेसबुक यूजर कि मृत्यु के बाद क्या होता है उसके अकाउंट का ?
इस वक़्त फेसबुक पर 30 मिलियन मरे हुए लोग है ! यदि किसी फेसबुक यूजर कि मृत्यु हो जाति है तो क्या उसकी फेसबुक प्रोफाइल ऐसे ही चलती रहती है ? जी नहीं ! यदि हमारी जान पहचान में किसी कि मृत्यु हो जाति है तो हम फेसबुक को रिपोर्ट कर उस प्रोफाइल को फेसबुक पर एक स्मारक का रूप दिलवा सकते है !
फेसबुक के इंडियन FACTS -
* सबसे ज्यादा फेक अकाउंट्स बनाते हैं भारतीय-
फेसबुक की तरफ से नवंबर में एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में कंपनी का कहना था कि 14.3 करोड़ अकाउंट्स फेक होते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा फेक अकाउंट भारत से बनाए जाते हैं।
* फेसबुक पर पहली भारतीय-
फेसबुक से जुड़ने वाली पहली भारतीय मूल की महिला थी शीला तंद्राशेखरा क्रिश्नन। इनका यूजर नंबर फेसबुक पर 37 है।
* फेसबुक की पहली महिला इंजीनियर-
फेसबुक पर काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर है रुचि सांघवी (RUCHI SANGHVI) रुचि ने ही फेसबुक पर न्यूज फीड का आइडिया दिया था। फेसबुक का न्यूज फीड सबसे विवादास्पद होने के साथ साथ फेसबुक का सबसे लोकप्रिय फीचर भी रहा।
दोस्तो कैसी लगी हमारी पोस्ट कमेंट करके जरुर बताइए। धन्यवाद।
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